| 1. | ऐसी स्थिति में अपना आपा खो बैठना स्वाभाविक है।
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| 2. | अपना आपा खो बैठना क्या ज़रूरी है?
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| 3. | लेकिन कभी कभी होश खो बैठना इन्सान की फितरत है.
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| 4. | खो बैठना, अधिकार चला जाना, २.
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| 5. | सही कहा...उम्मीद खो बैठना ही सब कुछ खो बैठना है...
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| 6. | सही कहा...उम्मीद खो बैठना ही सब कुछ खो बैठना है...
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| 7. | ऐंठन होना अथवा होश खो बैठना
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| 8. | ऐंठन होना अथवा होश खो बैठना
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| 9. | लेकिन कभी कभी होश खो बैठना इन्सान की फितरत है.
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| 10. | ” फिर तो उसका यूँ होश खो बैठना स्वाभाविक ही है...
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